Share Meaning in Hindi | शेयर का हिंदी में अर्थ सहित (पूर्ण जानकारी)

Share Meaning in Hindi with examples | शेयर का हिंदी अर्थ | समानार्थी और विलोम शब्द | शेयर शब्द की उत्पत्ति | शेयर मार्केट में Share का अर्थ | शेयर के प्रकार | शेयर होल्डर | शेयर कैपिटल | शेयर कैसे खरीदे | कंपनी शेयर क्यों बेचती है | FAQ

अंग्रेजी भाषा के शब्द Share के कई अर्थ होते हैं आज के लेख Share Meaning in Hindi में हम उन सभी अर्थों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

Share Meaning in Hindi | शेयर का हिंदी में अर्थ सहित (पूर्ण जानकारी)

इसलिए यदि आप Share शब्द के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। तो आइए शुरू करते हैं.

Share Meaning in Hindi

शेयर अंग्रेजी भाषा का एक शब्द है जिसके कई अर्थ होते हैं जैसे- इसका एक अर्थ है बांटना या साझा करना और इसका दूसरा अर्थ है भाग या हिस्सा जो हिस्सेदारी को दर्शाने के लिए किया जाता है।

अलग-अलग संदर्भ में इस शब्द का मीनिंग अलग – अलग होता है। जैसे –

आपने कई बार यूट्यूब वीडियोज में यह वाक्य कहते हुए जरूर सुना होगा कि, इस वीडियो को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें यहां पर शेयर का अर्थ है साझा करना।

और कई बार अपने माता-पिता को यह कहते हुए सुना होगा कि मिठाई को दोनों भाई बहन बांट कर खा लेना, यहां पर Share का अर्थ है बांटना।

और स्टॉक मार्केट के संदर्भ में बात करें तो स्टॉक मार्केट में शेयर का मतलब कंपनियों में हिस्सेदारी और ओनरशिप से होता है।

आइए Share को एक उदाहरण से समझते हैं (Share Example in Hindi)

मान लीजिए आपको एक प्लॉट खरीदना है जिसकी कीमत 10 लाख रुपए है लेकिन आपके पास केवल 5 लाख रुपए है और 5 लाख की कमी है। आपको लगता है की आने वाले समय में इस प्लॉट की कीमत बढ़ेगी और आप इस बात को अपने दोस्त को बताते हैं और उसे इसमें साझीदार बनने को कहते हैं।

वो मान जाता है और इस प्लॉट को खरीदने के लिए 5 लाख रुपए दे देता है। क्योंकि आप दोनों ने इस प्लॉट को खरीदने में आधा-आधा पैसा लगाया है तो इस प्लॉट में आप दोनों का पचास-पचास प्रतिशत शेयर होगा। आप दोनों इसके बराबर हिस्सेदार होंगे.

इसी तरह से शेयर बाजार में किसी कंपनी के शेयर खरीदना मतलब उस कंपनी में हिस्सेदारी खरीदना होता है जितना ज्यादा किसी कंपनी के शेयर आप खरीदते जाते हैं उतने अधिक उस कंपनी के मालिक बनते जाते हैं।

शेयर शब्द की उत्पत्ति

ऐसा माना जाता है की Share शब्द की उत्पत्ति मध्यकालीन इंग्लिश वर्ड schare और ओल्ड इंग्लिश वर्ड scearu से हुआ है।

scearu का अर्थ होता है – “a cutting, shaving, a shearing, tonsure, part, division and share”

(काटना, हजामत बनाना, एक बाल काटना, मुंडन, भाग, विभाजन और हिस्सा)

वहीं कुछ लोगों का मानना है की Share शब्द की उत्पत्ति Proto-Germanic शब्द skarō से हुआ है जिसका अर्थ होता है “a division, detachment” (एक विभाजन, टुकड़ी)

इनके अलावा और भी कई ऐसे शब्द हैं जिनसे Share शब्द की उत्पत्ति हुई है ऐसा माना जाता है।

Hindi Meanings of Share | शेयर के अन्य हिंदी मीनिंग

  • हिस्सा
  • हिस्सा बांटना
  • हिस्सा करना
  • बांटना
  • बांट देना
  • आदान-प्रदान करना
  • अंश
  • अंश विभाजन
  • भाग
  • साझा करना
  • भाग करना
  • सहभागी होना
  • भाग लेना
  • हिस्सा देना
  • हिस्सा लेना

Synonyms of Share | शेयर के समानार्थी शब्द

  • Contribution
  • Part
  • Portion
  • Percentage
  • giving
  • Stake
  • Allotment
  • Ration
  • Quota
  • Split
  • Dividing
  • Slice
  • Divide
  • Dividing
  • Distribution
  • Division
  • Allowance
  • Cut
  • Tranche
  • Allocation
  • Part

Antonyms of Share | शेयर के विलोम शब्द

  • Total
  • Totality
  • Whole
  • Aggregate
  • Pool
  • Collect
  • Accumulate
  • Deallocate
  • keep toogather
  • Entirity
  • Bringing together
  • Bunching up
  • Pulling together

Share Sentence Examples

शेयर शब्द को और अच्छे से समझने के लिए नीचे हमने वाक्यों के कुछ उदाहरण दिए हैं,

(1) We’ll share.

(2) Joe’s share.

(3) my share in property.

(4) he wanted his share in cash.

(5) we can share room.

(6) People can buy shares in a company

(7) I will share my coockies.

(8) Can I share?

(9) Tom will share?

(10) I’m buying shares.

(11) here’s your share.

(13) share your details?

(14) Let’s share a taxi.

(15) I don’t want to share my room.

(17) I will share with you.

(18) We must share.

(19) I can share with you.

(20) you can’t share.

अब तक आप जान चुके हैं की Share शब्द के अलग-अलग संदर्भ में अलग-अलग मीनिंग होते हैं। चलिए अब हम Share को शेयर मार्केट के संदर्भ में जानने का प्रयास करते हैं,

Share Meaning in Share Market

शेयर बाजार में शेयर का अर्थ किसी कंपनी या बिजनेस में हिस्सेदारी से होता है।

शेयर शब्द का इस्तेमाल अधिकांशतः किसी कंपनी या बिजनेस में हिस्सेदारी (ओनरशिप) को बताने के लिए किया जाता है।

शेयर क्या होता है (What is Share in Hindi)

मान लीजिए कि एक ABC नाम की कंपनी है और इस कंपनी को अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत है ऐसे में कंपनी शेयर मार्केट में जाकर पब्लिक को कहती है आप हमारे कंपनी में पैसा डालो और हमारे से कुछ हिस्सा खरीद लो।

मान लेते हैं कि ABC कंपनी की टोटल वैल्यू है एक करोड रुपए. (पूरे 100% कंपनी की वैल्यू 1 करोड़ है). कंपनी अपने 100% में से 20% हिस्से को बेचकर पैसा उठाना चाहती है। तो वह मार्केट में जाकर जनता से कहती है हम अपने कंपनी की 20% हिस्सेदारी को बेचना चाहते हैं, आप लोग हमारे कंपनी में पैसा डालो और हम आपको हिस्सा दे देंगे।

कंपनी की टोटल वैल्यू एक करोड़ रुपए और एक करोड़ का 20% हुआ बीस लाख रुपए.. तो कंपनी पब्लिक को बोलती है आप लोग 20 लाख रुपए डालो और हम कंपनी की 20% हिस्सेदारी आपको दे देंगे। जो लोग इंटरेस्टेड होते हैं वह कंपनी में पैसा डाल कर हिस्सा खरीद लेते हैं।

यहां पर जो लोग कंपनी में पैसा लगा रहे हैं उन्हें कंपनी में एक हिस्सा मिल रहा है और उस हिस्से को ही अंग्रेजी में Share (शेयर) करते हैं।

अतः अभी तक हमने जाना की, शेयर का मतलब है किसी कंपनी का एक हिस्सा या पार्ट जो हम पैसा देकर खरीदते हैं और यह हिस्सा कंपनी की ओनरशिप को दर्शाती है इसलिए हम शेयर खरीदने के बाद कंपनी में उतने प्रतिशत हिस्से के मालिक बन जाते हैं।

आपने शेयर क्या होता है यह तो जान लिया. चलिए अब जानते हैं जो लोग कंपनी के शेयर खरीदते उन्हें क्या कहा जाता है?

Share Holder Meaning in Hindi

जो लोग कंपनी में पैसा डालकर शेयर खरीदते हैं उन्हें हिंदी में शेयर धारक और इंग्लिश में Share holder (शेयर होल्डर) कहते हैं।

शेयर होल्डर ने कंपनी में पैसा लगाकर हिस्सेदारी खरीदी है इसलिए शेयर होल्डर कंपनी के उतने प्रतिशत हिस्से का मालिक बन जाता है। यदि 1% हिस्सा खरीदा है तो 1% हिस्से का मालिक बन जाता है। और ABC कंपनी का आप जितना अधिक शेयर खरीदेंगे आप उतने ज्यादा हिस्से का मालिक बनते जायेंगे।

Stockholder Meaning in Hindi

यदि निवेशक एक से ज्यादा कंपनियों के शेयर्स को खरीदता है और होल्ड करके रखता है. तो उसे stock owner या stock holder कहते हैं।

वहीं अगर वो केवल एक ही कंपनी के शेयर रखता है तो उसे शेयरहोल्डर कहते हैं।

Share Capital in Hindi

कंपनी ने शेयर बेचकर जो धन जुटाया है उसे शेयर कैपिटल कहा जाता है।

ABC कंपनी की 20% शेयर बेचकर जो 20 लाख रुपए रुपए इकट्ठा किया गया है उसे हम शेयर कैपिटल कहेंगे। इसे और सरल भाषा में कहें तो, share capital means वह पैसा जो शेयर होल्डर ने कंपनी में लगाया और उसके बदले में कुछ हिस्सा खरीदा है उसे शेयर कैपिटल कहते हैं।

Types of Shares in Hindi

कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 43 के तहत एक कंपनी मार्केट में दो प्रकार के शेयर जारी कर सकती है –

  1. Preference share
  2. Equity share/Common share

आइए शेयर्स के इन दोनों प्रकारों को एक-एक करके जानते हैं –

Preference Share Meaning

कभी-कभी कंपनियां खास इन्वेस्टर्स को कॉमन शेयर्स के बजाय फिर प्रिफरेंस शेयर इश्यू करती है और जिन इन्वेस्टर के पास प्रिफरेंस शेयर्स होते हैं उन्हें प्रिफरेंस शेयर होल्डर कहा जाता है।

Preference share को जनरली अमीर निवेशक म्यूचुअल फंड और बड़े बड़े वित्तीय संस्थान ही Buy करते हैं क्योंकि ऐसे शेयर्स को कंपनियां तभी इशू करती है जब उन्हें बहुत कम समय पर बहुत अधिक मात्रा में पैसे जुटाने होते हैं और ऐसे केस में केवल बड़े निवेशक ही निवेश कर पाते हैं।

प्रिफरेंस शेयर के महत्वपूर्ण तथ्य –

1. वोटिंग राइट्स

जो प्रिफरेंस शेयर खरीदता है उसे वोटिंग राइट्स नहीं दिए जाते हैं। कंपनी में किसी भी तरह का डिसीजन लिया जा रहा है तो उसमें प्रिफरेंस शेयरहोल्डर वोट नहीं कर सकता।

2. रेट ऑफ डिविडेंड

Preference shares में डिविडेंड फिक्स रहता है। कंपनियों को रिफरेंस शेयर होल्डर्स को एक फिक्स समय अंतराल के दौरान एक फिक्स्ड डिविडेंड देना होता है। यदि किसी भी कारण से कंपनी फिक्स टाइम पर डिविडेंड नहीं दे पाती तो वह डिविडेंड ड्यू हो जाता है और बाद में ड्यू डिविडेंड को Pay किया जाता है।

3. डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन

डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन में पहला नंबर प्रेफरेंस शेयर होल्डर्स का आता है इसका मतलब है कि कंपनी डिविडेंड बांटती है तो सबसे पहले प्रिफरेंस शेयर होल्डर्स को डिविडेंड दिया जाता है और उसके बाद कॉमन शेयर होल्डर्स की बारी आती है।

4. लिक्विडेशन या वाइंडिंग अप

जब कंपनी का लिक्विडेशन हो रहा होता है, अर्थात कंपनी बंद हो रही है और उसके एसेट्स को बेचा जा रहा है तो उस समय प्रिफरेंस शेयर होल्डर्स को सबसे पहले उनका पैसा वापस किया जाता है उसके बाद फिर इक्विटी/कॉमन शेयर होल्डर्स की बारी आती है।

5. ट्रेडिंग

प्रिफरेंस शेयर की ट्रेडिंग नहीं होती है। प्रिफरेंस शेयर फोल्डर अपने शेयर्स को स्टॉक मार्केट में Sell नहीं कर सकते हैं। और अगर शेयर होल्डर्स अपने प्रिफरेंस शेयर्स को बेचना हैं तो ऐसा वे दो तरीकों से कर सकते हैं – 1. Call feature और 2. Convertible feature से.

6. प्राइस

शेयर बाजार में प्रिफरेंस शेयर की खरीदी बिक्री ना होने के कारण इनकी कीमतों में कोई बदलाव नहीं होता है। इनकी कीमतें हमेशा स्थिर रहती है।

7. रिस्क एंड रिटर्न

क्योंकि प्रिफरेंस शेयर की कीमत चेंज नहीं होती इसलिए रिस्क कम होता है और डिविडेंड का एक फिक्स्ड रेट होता है इसलिए रिटर्न भी फिक्स रहता है।

Types of Preference Shares in Hindi

Preference shares कई प्रकार के होते हैं यहां नीचे हमने Preference shares के सभी प्रकारों का लिस्ट दिया है,

1. Cumulative preference shares

2. Non Cumulative preference share

3. Participating preference shares

4. Non participating preference shares

5. Redeemable preference shares

6. Irredeemable preference shares

7. Convertible preference shares

8. Non convertible preference shares

Equity Share Meaning

इक्विटी शेयर्स को Buy करने वाले कंपनी के True Owners बन जाते हैं। कंपनी के वास्तविक मालिक यही होते हैं। इक्विटी शेयर को नार्मल शेयर भी कहा जाता है यह इसका दूसरा नाम है।

जब कंपनियां IPO लाती है तो पब्लिक में कॉमन शेयर्स को Sell करके पैसे जुटाती है और जिन इन्वेस्टर्स के पास कॉमर्स शेयर होते हैं उन्हें कॉमन शेयर होल्डर कहा जाता है।

एक कंपनी के कॉमन शेयर को कोई भी खरीद सकता है। चाहे वो छोटा निवेशक हो या बहुत बड़ा निवेशक। कॉमन शेयर सभी के लिए अवेलेबल होते हैं।

इक्विटी या कॉमन शेयर के महत्वपूर्ण तथ्य –

1. वोटिंग राइट्स

जो इक्विटी शेयर खरीदता है उसे कंपनी में वोटिंग राइट्स दिए जाते हैं कंपनी में किसी तरह का डिसीजन लिया जा रहा है तो इक्विटी शेयर होल्डर उसमे वोट कर सकता है और अपना पक्ष रखता है।

2. डिविडेंड

कॉमन शेयर में डिविडेंड देना है कि नहीं ये कंपनी के डिसीजन पर डिपेंड करता है। कंपनी चाहेगी तो इस साल डिविडेंड देगी और नहीं चाहेगी तो नही देगी।

3. रेट ऑफ डिविडेंड

कॉमन शेयर में डिविडेंड रेट Fixed नहीं होता है। dividend fluctuate करते रहता है (ऊपर-नीचे होते रहता है) और यह कंपनी के प्रॉफिट पर डिपेंड करता है प्रॉफिट ज्यादा है तो डिविडेंड ज्यादा मिलेगा, कम है तो कम मिलेगा और नहीं है तो नहीं मिलेगा।

4. डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन

इक्विटी शेयर होल्डर्स को डिविडेंड तब मिलता है जब प्रिफरेंस शेयर होल्डर्स को डिविडेंड बांटने के बाद कुछ बचता है। कहने का तात्पर्य है कि जब डिविडेंड बांटने की बारी आती है तो सबसे पहले प्रिफरेंस शेयर होल्डर को डिविडेंड बांटा जाता है यदि उसके बाद कुछ अमाउंट बचता है तो उसे इक्विटी शेरहोल्डर्स को बांटा जाता है।

ज्यादा अमाउंट बचेगा तो ज्यादा देंगे. कम अमाउंट बचेगा तो कम देंगे और नहीं बचता है तो नहीं दिया जाएगा।

5. लिक्विडेशन या वाइंडिंग-अप

जब कंपनी का लिक्विडेशन हो होता है तो प्रिफरेंस शेयर होल्डर्स को उनका पैसा वापस करने के बाद फिर जो अमाउंट बचता है उसे इक्विटी/कॉमन शेयर होल्डर्स को बांटा जाता है।

6. ट्रेडिंग

कॉमन शेयर की शेयर मार्केट में खरीदी-बिक्री होती है इसलिए इसको आसानी से शेयर मार्केट से खरीदा और बेचा जा सकता है।

7. प्राइस

कॉमन शेयर की कीमतें फिक्स नहीं होती। शेयर बाजार में इन शेयर्स की खरीदी-बिक्री होता है इसलिए इनकी कीमतें हमेशा ऊपर नीचे होती रहती है।

8. रिस्क एंड रिटर्न 

क्योंकि कॉमन शेयर की कीमत शेयर बाजार में चेंज होते रहती है इसलिए इसमें रिस्क ज्यादा होता है और शेयर की कीमत चेंज होकर बहुत ज्यादा बढ़ भी सकती है इसलिए इसमें रिटर्न की संभावना भी ज्यादा होती है।

Share kaise kharide

शेयर क्या है? और कितने तरह के होते हैं? यह जानने के बाद अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा की मैं किसी कंपनी का शेयर कैसे खरीद सकता हूं? और शेयर लिए मुझे क्या करना होगा?

आपके इन सवालों का जवाब जानने के लिए आप हमारे साइट पर मौजूद इस आर्टिकल को पढ़ सकते हैं 👇जहां मैंने शेयर कैसे खरीदा जाता है? को विस्तार से बताया है.

• यहां पढ़ें: शेयर कैसे खरीदा जाता है

अब आते हैं अपने टॉपिक पर. दोस्तों किसी कंपनी के शेयर को खरीदने के लिए एक डिमेट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। शेयर खरीदने के लिए आपको एक डीमेट अकाउंट ओपन करवाना होगा।

हमने डीमेट अकाउंट क्या है? इसके ऊपर एक विस्तृत आर्टिकल लिखा है। उसे आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

• यहां पढ़ें: डीमेट अकाउंट की जानकारी

आजकल मार्केट में Upstocks, Angelone aur Zerodha जैसे कई ऑनलाइन ब्रोकरेज एप्स मौजूद हैं जो बिना किसी फीस के डीमेट अकाउंट ओपन करने की सुविधा देते हैं। आप भी इस सुधा का लाभ उठा सकते हैं और फ्री में डीमेट अकाउंट खुलवा सकते हैं।

डिमेट अकाउंट ओपन कर लेने के बाद अगले स्टेप में आपको कंपनियों पर रिसर्च करनी है और ऐसी कंपनियां ढूंढनी है जिनके शेयर खरीदने पर भविष्य में अच्छा रिटर्न मिल सकता है।

इसके बाद डिमेट अकाउंट में पैसा डालें जिसका उपयोग आप शेयर खरीदने में करेंगे। फंड ट्रांसफर के बाद उन शेयर्स को सेलेक्ट करें जिसे आप Buy करना चाहते हैं साथ में क्वांटिटी भी सेलेक्ट करें (कितनी मात्रा में buy करना चाहते हैं) और अंत में खरीदी ऑर्डर दें-दें। प्रोसेस कंप्लीट होने के बाद शेयर्स आपके अकाउंट में क्रेडिट कर दिए जायेंगे।

कंपनी अपना शेयर क्यों बेचती है?

जब कोई कंपनी अपने बिजनेस को फैलाना चाहती है तो उसे ऐसा करने के लिए बहुत अधिक मात्रा में धन की जरूरत पड़ती है और इतना पैसा वह बैंक से नहीं ले पाती है इसीलिए कंपनी अपने शेयर आम जनता को बेचकर पैसे जुटाती है।

कंपनियों में शेयर्स की संख्या लाखों करोड़ों में होती है अतः अगर कंपनी एक आदमी से 10 रुपए भी लेती है तो उसके पास सैकड़ों अरबों रुपए इकट्ठा हो जायेगा।

शेयर खरीदने से आम जनता को क्या फायदा होता है? (Benefits of buying Shares in Hindi)

जो आम पब्लिक कंपनी के शेयर्स खरीदती है उसे मुख्यतः तीन तरीकों से फायदा होता है,

1. जब कंपनी को प्रॉफिट होता है तो कंपनी अपने प्रॉफिट को शेयरधारकों के साथ बांटती है जिसे डिविडेंड कहते हैं। अतः एक फायदा तो यह है कि आम पब्लिक को डिविडेंड का लाभ मिलता है। और दूसरा फायदा है –

2. जब कंपनी Grow करती है और उसका बिजनेस बढ़ता है तो इससे कंपनी के शेयर की प्राइस बढ़ती है और जिन लोगों ने शेयर्स खरीदा है वे बढ़ी हुई कीमत पर शेयर को बेचकर लाभ कमा सकते हैं।

3. राइट शेयर और बोनस शेयर – कभी-कभी कंपनी द्वारा बोनस और राइट शेयर जारी करने पर निवेशक के शेयर्स की संख्या में इजाफ़ा हो जाता है।

तो इस प्रकार से आम जनता को कंपनी के शेयर्स से फायदा मिलता है।

FAQ About Share Meaning in Hindi

[sc_fs_multi_faq headline-0=”p” question-0=”शेयर का हिंदी अर्थ क्या है?” answer-0=”शेयर शब्द के कई अर्थ होते हैं जैसे इसका एक अर्थ है बांटना और इसका दूसरा अर्थ है अंश जो हिस्सेदारी को बताता है।” image-0=”” headline-1=”p” question-1=”प्रश्न: प्रिफरेंस शेयर को कैसे बेच सकते हैं?” answer-1=”शेरधारक प्रिफरेंस शेयर को कॉल फीचर और कन्वर्टिबल फीचर की मदद से बेच सकते हैं?” image-1=”” headline-2=”p” question-2=”प्रश्न: शेयर कितने प्रकार के होते हैं?” answer-2=”शेयर दो प्रकार के होते हैं – इक्विटी शेयर और प्रिफरेंस शेयर” image-2=”” headline-3=”p” question-3=”प्रश्न: शेयर बाजार में इक्विटी शेयर क्या हैं?” answer-3=”स्टॉक, इक्विटी और शेयर तीनों एक ही चीज हैं। पैसे जुटाने के लिए कंपनी के ओनरशिप को छोटे-छोटे यूनिट में बांटा जाता है। इन यूनिट्स को स्टॉक, इक्विटी और शेयर कहा जाता है।” image-3=”” count=”4″ html=”true” css_class=””]

Conclusion of Share Meaning in Hindi

तो दोस्तों ये था आपके Share Meaning in Hindi, शेयर का हिंदी में मीनिंग जैसे सवालों के जवाब। उम्मीद करता हूं की आपको यह लेख पसंद आया होगा।

अगर पसंद आया है तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें.. धन्यवाद।

संबधित लेख:

• जानें शेयर मार्केट क्या है?

• जानें शेयर बाजार से अमीर कैसे बनें

• शेयर कब खरीदे और कब बेचे?

• Equity Meaning in Hindi

अन्य लेख:

• गांव में पैसे कमाने के तरीके

• टेलीग्राम से पैसा कमाना सीखिए

• शेयरचैट ऐप से पैसे कमाने के तरीके

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