शेयर कैसे ख़रीदा जाता है?

शेयर, जिसे स्टॉक या इक्विटी के नाम से भी जाना जाता है एक कंपनी में Ownership को Represent करती है। किसी कंपनी में शेयर्स खरीदने का मतलब है कि आप उस कंपनी के संपत्ति और मुनाफे का एक हिस्सा Aquire कर रहे हैं।

शेयर कैसे खरीदें?

किसी कंपनी का शेयर खरीदने के लिए आप नीचे बताए स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं:

1. ब्रोकरेज खाता/डीमेट अकाउंट खोलें:

शेयर खरीदने के लिए आपको सबसे पहले एक प्रतिष्ठित स्टॉक ब्रोकर के साथ एक डीमेट अकाउंट खोलना होगा। डीमेट अकाउंट एक डिजिटल अकाउंट होता है जिसमें शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखा जाता है।

डीमेट अकाउंट आप ऑफलाइन ब्रोकरेज फर्म या ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से ओपन कर सकते हैं।

खाता खोलने के लिए आप कुछ लोकप्रिय ऑनलाइन ब्रोकर जैसे Groww, angel investing, Zerodha आदि का चुनाव कर सकते हैं।

2. Fund your account

एक बार ब्रोकरेज खाता खोलने के बाद, आपको शेयरों को खरीदने के लिए अपने अकाउंट में फंड जमा करना होगा।

आप बैंक ट्रांसफर, क्रेडिट कार्ड, या अन्य पेमेंट मेथड्स के माध्यम से अपने खाते में धनराशि जमा कर सकते हैं।

3. वह स्टॉक चुनें जिसे आप खरीदना चाहते हैं:

नेक्स्ट स्टेप में, अब आप वह स्टॉक चुनें जिसे आप खरीदना चाहते हैं। यह निर्धारित करने के लिए आपको रिसर्च करना पड़ेगा कि कौन सा स्टॉक खरीदना है।

निर्णय लेने में सहायता के लिए आप वित्तीय समाचार स्रोतों, ऑनलाइन स्टॉक स्क्रीनर या शोध रिपोर्ट का उपयोग कर सकते हैं।

4. खरीदी ऑर्डर दें

जब आप यह तय कर लें कि कौन सा स्टॉक खरीदना है, तो खरीदी करने के लिए अपने ब्रोकर को ऑर्डर दे सकते हैं।

ऑर्डर दो प्रकार के होते हैं: मार्केट ऑर्डर और लिमिट ऑर्डर। मार्केट ऑर्डर को मौजूदा बाजार मूल्य पर execute किया जाता है, जबकि लिमिट ऑर्डर को आपके द्वारा निर्धारित specific price पर execute किया जाता है।

5. अपने निवेश पर नज़र रखें:

एक बार जब आप शेयर खरीद लेते हैं, तो नियमित रूप से अपने पोर्टफोलियो को ट्रैक करते रहें क्योंकि बाज़ार में किसी भी बदलाव और कंपनी के प्रदर्शन पर नज़र रखने के लिए नियमित रूप से अपने निवेश की निगरानी करना जरूरी होता है।

शेयर कैसे चुनें? | How to pick shares in hindi

शेयरों को चुनना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है, और इसके लिए रिसर्च और विश्लेषण की आवश्यकता होती है। शेयर चुनने में आपकी मदद के लिए हमने यहां पर कुछ सामान्य स्टेप्स बताए हैं जिन्हे आप फॉलो कर सकते हैं:

1. अपने निवेश लक्ष्यों को निर्धारित करें:

इससे पहले कि आप स्टॉक्स पर रिसर्च करना शुरू करें, आपको अपने निवेश लक्ष्यों को निर्धारित करना होगा। क्या आप लॉन्ग टर्म ग्रोथ या इनकम अथवा दोनों की तलाश कर रहे हैं?

अपने निवेश लक्ष्यों को समझने से आपको उन शेयरों को चुनने में मदद मिलेगी जो आपके निवेश उद्देश्यों के अनुरूप हों।

2. कंपनी पर रिसर्च करें:

एक बार जब आप अपने investment goals की पहचान कर लेते हैं, तो आप उन कंपनियों पर रिसर्च करना शुरू कर दें जो आपके इन्वेस्टमेंट goals के साथ align होती हैं।

आपको कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन, मैनेजमेंट टीम, इंडस्ट्री ट्रेंड्स और कंपनी के शेयर्स की कीमत को प्रभावित करने वाले अन्य relevent फैक्टर्स पर अच्छे से रिसर्च करना चाहिए।

3. वित्तीय विश्लेषण करें:

किसी कंपनी का विश्लेषण करते समय, उसके वित्तीय विवरणों की समीक्षा करनी चाहिए, जैसे कि बैलेंस शीट, इनकम स्टेटमेंट और कैश फ्लो स्टेटमेंट। ये विवरण आपको कंपनी की फाइनेंशियल हेल्थ, रेवेन्यू ग्रोथ, प्रॉफिटेबिलिटी और Debt level का अंदाजा देंगे।

4. स्टॉक वैल्यूएशन की समीक्षा करें:

The stock valuation is an important factor to consider when picking stocks.

आपको स्टॉक के price-to-earnings ratio, price-to-sales ratio एवम अन्य वैल्यूएशन मेट्रिक्स की समीक्षा करनी चाहिए ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि स्टॉक अंडरवैल्यूड है या ओवरवैल्यूड है।

5. मार्केट ट्रेंड्स पर नजर रखें:

मार्केट ट्रेंड्स और खबरों पर नजर रखने से भी आपको स्टॉक चुनने में मदद मिल सकती है। मार्केट ट्रेंड्स के बारे में सूचना प्राप्त करने के लिए वित्तीय समाचार स्रोतों, ऑनलाइन स्टॉक स्क्रीनर या अन्य शोध रिपोर्ट (research report) का उपयोग आप कर सकते हैं।

नोट: हमेशा याद रखें कि शेयर बाजार में निवेश करने में जोखिम होता है, और कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले अपना खुद का रिसर्च करना और पेशेवर सलाह लेना महत्वपूर्ण होता है।

शेयर्स खरीदने के तरीके –

शेयर्स खरीदने के निम्नलिखित तरीके हैं,

1. Direct Stock Purchase:

इस तरीके का उपयोग करके एक व्यक्ति डायरेक्ट कंपनी से शेयर खरीद सकता है, Trough a Dividend reinventement plan (DRIP). निवेशक cash का उपयोग करने के बजाय कंपनी से प्राप्त होने वाले ‘cash dividends’ का उपयोग करके शेयर्स खरीद सकते हैं।

2. Brokerage Firm:

शेयर्स खरीदने का सबसे आम तरीका है किसी ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से शेयर्स खरीदना। ब्रोकरेज फर्म, खरीददार और शेयर बाजार के बीच एक मध्यस्थ (intermediary) के रूप में कार्य करता है। आप ब्रोकरेज फर्म के साथ अकाउंट ओपन कर सकते हैं, अकाउंट में राशि जमा कर सकते हैं, और शेयर खरीदने के लिए आर्डर दे सकते हैं।

ब्रोकरेज फर्म आपके Behalf में शेयर खरीदेगी और शेयरों को आपके नाम पर होल्ड करके रखेगी। आप सिर्फ आर्डर देंगे. शेयर को खरीदने-बेचने और स्टोर करने का कार्य ब्रोकरेज फर्म करेगी।

3. Online Trading Platform:

जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी एडवांस होते जा रही है शेयर खरीदना बहुत ज्यादा आसान और सरल हो गया है। ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जैसे- Zerodha, Angel broking, रॉबिनहुड, E-trade, Upstox आदि प्लेटफार्म आपको अपने घर में बैठे-बैठे ही शेयर खरीदने और बेचने का सहूलियत प्रदान करते हैं।

आप एक अकाउंट ओपन करें, उसमें राशि जमा करें, और शेयर खरीदने के लिए ऑनलाइन घर बैठे आर्डर दें।

4. mutual Funds and Exchange-Traded Funds:

शेयर खरीदने का चौथा तरीका है म्यूचुअल फंड और ईटीएफ के माध्यम से स्टॉक खरीदना। म्यूचुअल फंड कई सारे निवेशकों के पैसों का एक भंडार है (Pool of Money) जिसे स्टॉक्स, बॉन्ड्स और अन्य सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट किया जाता है और एक डायवर्स फोर्टफोलियों क्रिएट किया जाता है।

ETF एक ऐसे प्रकार का इन्वेस्टमेंट फंड है जिसका स्टॉक एक्सचेंज में व्यापार किया जाता है, बिलकुल एक स्टॉक की भांति। जिस तरह से स्टॉक मार्केट में शेयर्स का ट्रेडिंग होता है बिल्कुल उसी तरीके से ETF का भी ट्रेडिंग होता है।

म्यूच्यूअल फंड या ईटीएफ में निवेश करने का यह फायदा है कि, यह फंड बहुत सारे स्टॉक्स का एक डायवर्स पोर्टफोलियो है (बेस्ट परफॉर्मिंग स्टॉक्स का एक बास्केट है) अतः इसमें इन्वेस्टमेंट करने पर आपका पैसा स्वतः ही एक डाइवर्स पोर्टफोलियो के स्टॉक्स में इन्वेस्ट हो जाता है, आपको स्वयं से स्टॉक्स pick नहीं करने पड़ते।

यदि आप शेयर खरीद रहे हैं तो शेयर खरीदते समय, निम्नलिखित कारकों पर विचार करना महत्वपूर्ण होता है:

Company Performance:

शेयर खरीदने से पहले, कंपनी और उसके फाइनेंशियल परफॉर्मेंस पर रिसर्च करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। कंपनी के फाइनेंशियल कंडीशंस को बेहतर तरीके से समझने के लिए कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट, Earning Reports तथा अन्य फाइनेंशियल मैट्रिक्स को देखें।

Market Conditions: 

वर्तमान में शेयर बाजार लगातार चेंज हो रहा है। इसलिए शेयर खरीदने से पहले मौजूदा मार्केट कंडीशंस पर विचार करना बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। यदि मार्केट अभी bearish trend में है। मंदी के संकेत हैं तो यह May be शेयर खरीदने का सबसे अच्छा समय नहीं है। जबकि एक bulish trend खरीददारी करने का एक अच्छा अवसर हो सकती है।

Investment Goals:

आपके इन्वेस्टमेंट गोल्स भी शेयर्स खरीदने के आपके डिसीजन में इंपॉर्टेंट रोल अदा करते हैं। यदि आप एक Quick Profit की तलाश में हैं, जल्दी पैसा बनाना चाहते हैं, तो आप उन कंपनियों में निवेश कर सकते हैं जो तेजी से Grow कर रहे हैं, जबकि यदि आप लॉन्ग टर्म ग्रोथ की तलाश में हैं, तो आपको ब्लू-चिप कंपनियों में निवेश करने पर विचार करना चाहिए। जो लोग टर्म में आपको अच्छा रिटर्न देंगे।

Diversification:

डाइवर्सिफिकेशन निवेश का एक प्रमुख सिद्धांत है, और यह महत्वपूर्ण भी है की आप विभिन्न प्रकार के Stocks, Bonds and other Securities में निवेश करके अपने पोर्टफोलियो को diversify करें। यह जोखिम को कम करने में मदद करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि आपका पोर्टफोलियो किसी भी single stock या sector के लिए overly exposed न हो।


© ishan LLB yt


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