शेयर कब खरीदे और कब बेचे?

शेयर्स को कब खरीदना और बेचना चाहिए यह तय करने के लिए मार्केट ट्रेंड, कंपनी के प्रदर्शन और पर्सनल फाइनेंशियल लक्ष्यों जैसे विभिन्न कारकों पर सावधानीपूर्वक विचार करने की आवश्यकता होती है।

1. मार्केट ट्रेंड:

यह जरूरी है कि आप Brodar Market Trend और Economy को समझें तथा ये दोनों साथ में कैसे फंक्शन करती है आपको इसका बेसिक नॉलेज होना चाहिए। अगर अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है, तो संभावना है कि कंपनी की कमाई और स्टॉक की कीमतें बढ़ेंगी। दूसरी ओर, यदि अर्थव्यवस्था स्ट्रगल कर रही है, तो स्टॉक मार्केट और individual stocks की कीमतों में कमी आ सकती है। अतः आपको किसी कंपनी का शेयर खरीदे समय मार्केट ट्रेंड को भी ध्यान में रखना चाहिए।

2. कंपनी का प्रदर्शन:

किसी स्टॉक में निवेश करने से पहले, कंपनी के ऊपर रिसर्च करना और उसके वित्तीय प्रदर्शन को समझना महत्वपूर्ण होता है, जिसमें कंपनी की रेवेन्यू, इनकम और ऋण शामिल हैं। आपको कंपनी की फ्यूचर ग्रोथ प्रॉस्पेक्ट (अर्थात भविष्य में कंपनी ग्रो करेगी या नहीं इसपर), उसके कॉम्पिटिशन और संभावित जोखिमों पर भी विचार करना चाहिए। अतः किसी कंपनी के शेयर्स खरीदते समय उस कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटस को ध्यान में रखते हुए Buying डिसीजन लेना चाहिए।

3. पर्सनल फाइनेंशियल गोल्स:

आपके व्यक्तिगत वित्तीय लक्ष्य भी शेयर खरीदने या बेचने का निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक छोटी अवधि के लक्ष्य के लिए बचत कर रहे हैं, जैसे- छुट्टी या घर का डाउन पेमेंट, तो ऐसे में आपको हाई रिस्क वाले शेयरों में निवेश करने से बचना चाहिए और इसके बजाय सुरक्षित, अधिक स्थिर इन्वेस्टमेंट का विकल्प चुनना चाहिए।

सामान्य तौर पर, विशेषज्ञों के अनुसार स्टॉक तब खरीदने चाहिए जब उनका मूल्यांकन कम हो (stocks undervalued हों) और कंपनी अच्छा प्रदर्शन कर रही हो, और जब स्टॉक की कीमत अधिक हो और कंपनी का प्रदर्शन गिर रहा हो तो बेचने की सलाह दी जाती है। हालाँकि, यह कोई ऐसा नियम नहीं है जिसे हमेशा फॉलो किया जाय, व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार आप अलग-अलग तरीके भी अपना सकते हैं।

साथ ही यह भी जरूरी है की आपके स्टॉक्स का फोर्टफोलियो डाइवर्सिफाइड हों। पूरा पैसा केवल एक ही कंपनी के स्टॉक्स पर इन्वेस्ट न कर दें। डाइवर्सिफिकेशन जोखिम को कम करने में मदद करता है और लॉन्ग टर्म में अधिक स्थिर रिटर्न प्रदान कर सकता है।

In Conclusion, शेयर को कब खरीदें और बेचें इसका निर्णय लेने के लिए, मार्केट ट्रेंड रिसर्च, कंपनी रिसर्च और आपके पर्सनल फाइनेंस गोल्स के कॉम्बिनेशन की अवश्यकता होती है। आपको लॉन्ग टर्म गेम प्लान के बारे में सोचना चाहिए और बाजार के अल्पकालिक उतार-चढ़ाव में बह नहीं जाना है। समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो को रिव्यू करते रहें और आवश्यकतानुसार उसमें एडजस्टमेंट्स करते रहें इससे आपको यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि आपका इन्वेस्टमेंट आपके वित्तीय लक्ष्यों के साथ align रहे।

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