प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में क्रॉप इंश्योरेंस का दायरा बढ़ेगा

Pradhanmantri crop insurance scheme

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में संशोधन करने की तैयारी में है ताकि किसानों को योजना का अधिक से अधिक लाभ मिले.

केंद्र की योजना फसल वर्ष 2023-24 में संशोधित फसल बीमा योजना लाने की है.

इसके तहत बीमा कंपनियों को कुल प्रीमियम राशि का 60% से 130% तक फसल बीमा क्लेम के रूप में किसानों को लौट आना होगा.

प्रीमियम के मुकाबले क्लेम की राशि लगातार घटने के कारण यह कदम उठाया जा रहा है, ताकि किसानों को लाभ मिले.

प्रीमियम स्थिर लेकिन घट रही बीमा क्लेम की राशि


वर्ष – 2018-19

कुल प्रीमियम – 29,609

क्लेम राशि – 28,512

क्लेम रेशियो – 99.0%


वर्ष – 2019-20

कुल प्रीमियम – 32,339

क्लेम राशि – 26,840

क्लेम रेशियो – 85.5%


वर्ष – 2020-21

कुल प्रीमियम – 31,881

क्लेम राशि – 18,278

क्लेम रेशियो – 61.6%


वर्ष – 2021-22

कुल प्रीमियम – 30,038

क्लेम राशि – 9460

क्लेम रेशियो – 35.0%


किसान कितना चुकाते हैं इंश्योरेंस प्रीमियम –

रबी सीजन – Sum insured राशि का 1.5% देना होता है

खरीफ सीजन – Sum insured राशि का 2% प्रीमियम देना होता है.

कैश क्रॉप्स – Sum insured राशि का 5% प्रीमियम देते हैं.

बची हुई प्रीमियम की राशि केंद्र और राज्य सरकारें बराबर- बराबर चुकाती हैं.

Some facts –

• 14 करोड़ से अधिक किसान परिवार है देश में अभी.

•  2 करोड़ किसानों ने ही कराया है फसल बीमा.

ये राज्य कर चुके हैं योजना से किनारा –

पंजाब ने अभी तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अपने यहां लागू नहीं किया है.

जबकि प्रीमियम का भार बढ़ने के कारण तेलंगाना, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और गुजरात इस योजना से बाहर निकल गए.

आंध्र प्रदेश ने 2022 की खरीफ सीजन में इस योजना को दोबारा ज्वाइन किया है.

सरकार का खर्च घटेगा –

सरकार की इस योजना से फसल बीमा का दायरा बढ़ेगा. क्लेम की राशि कुल प्रीमियम के 60% से कम होने पर शेष राशि बीमा कंपनियों को सरकार को लौटाने होगी.

वही क्लेम की राशि 130% से अधिक होने पर सरकार इसकी क्षतिपूर्ति बीमा कंपनियों को करेगी.

फसल बीमा योजना में सुधार और इसका दायरा बढ़ाने के लिए कृषि मंत्रालय ने तीन एक्सपर्ट पैनल गठित किया है, दो ने रिपोर्ट जमा भी कर दी है.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है –

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक फसल बीमा योजना है जिसमें किसानों की फसल का बीमा करवाकर प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई आर्थिक क्षति को एक सीमा तक कवर करने का कोशिश किया जाता है.

इसमें किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली बीमा की किस्तों को बहुत कम रखा गया है ताकि छोटा बड़ा हर किसान आसानी से बीमा करा सकें.

ये योजना न केवल खरीफ और रबी की फसलों को बल्कि वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए भी बीमा कवर प्रदान करती है।

PMFBY को 13 जनवरी 2016 को लॉन्च किया गया था तथा इसे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रशासित किया जा रहा है.

फसल बीमा क्लेम कैसे करें –

यदि आपने खरीफ के लिए अपनी फसल का बीमा करवाकर रखा है तो आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है.

यदि आपने बैंक के माध्यम से बीमा कराया है तो बीमा राशि क्लेम करने के लिए आपको बैंक को सूचित करना होगा.

बैंक आपकी रिक्वेस्ट बीमा कंपनी को दे देगा. इसके बाद बीमा कंपनी से आप की फसल का निरीक्षण के लिए एक सर्वेयर आयेगा या पटवारी भी आ सकता है.

जो आप की बर्बाद फसल का मुआयना (सर्वे) करेगा. यदि उनके सर्वे में आप की फसल का नुकसान वास्तविक पाया जाता है, तो आपके क्लेम/आवेदन को स्वीकार कर लिया जाएगा.

अगले कुछ दिनों या महीनों में आपके बैंक अकाउंट में क्लेम राशि आ जायेगी.

लेकिन यदि आपने स्वयं से या लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से फसल बीमा करवाया है, तो आपको प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा.

वेबसाइट में आपको हेल्प डेस्क का विकल्प देखने को मिल जायेगा. इस हेल्प डेस्क में क्लिक करें.

आपको वहां पर टोल फ्री नंबर या ईमेल एड्रेस मिल जायेगा. टोल फ्री नंबर में कॉल करके या उनके ईमेल पर मेल भेजकर अपने फसल नुकसान कि सूचना दे दें.

एक दो दिन में कंपनी का सर्वेयर आ जायेगा जो आपके फसल का सर्वे करके आपके आवेदन को आगे बड़ा देगा.

FAQs

प्रश्न: फसल बीमा में कितना पैसा मिलता है?

उत्तर: फसल बीमा योजना में फसलों के लिए अलग-अलग धनराशि तय की जाती है. कपास की फसल के लिए अधिकतम प्रति एकड़ 36,282 रुपये, धान के लिए 37,484 रुपये, बाजरा की फसल के लिए 17,639 रुपये, मक्का की फसल के लिए 18,742 रुपये और मूंग की फसल के लिए 16,497 रुपये की धनराशि दी जाती है.

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